पूर्वी सिंहभूम जिले में जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर सिंहभूम, पोटका, घाटशिला, जुगसलाई और बहरागोड़ा सीटें हैं। तीन उम्मीदवार पूर्णिमा दास साहू, मीरा मुंडा और बाबूलाल सोरेन पहली बार चुनावी मैदान में हैं। सभी छह विधानसभा क्षेत्र में इंडिया बनाम एनडीए की लड़ाई अभी साफ दिख रही है। कुछ सीटों पर बागी प्रत्याशी दलीय प्रत्याशियों का खेल बिगाड़ सकते हैं। शह-मात की चाल में वोटरों के मुद्दे हाशिए पर हैं। पूर्वी सिंहभूम में इन दिनों चुनावी परिदृश्य को लेकर जेहन में उठ रहे सवालों का सिर्फ यही जवाब है- यहां तो टशन, ईगो, भितरघात और ओवर कॉन्फिडेंस ही चल रहा है। सभी छह सीटों पर इंडिया बनाम एनडीए की लड़ाई अभी साफ दिख रही है। कुछ सीटों पर बागी प्रत्याशी दलीय प्रत्याशियों का खेल बिगाड़ेंगे। कुछ निर्दलीय प्रत्याशियों का चुनावी गणित सही बैठा तो अप्रत्याशित परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं। शह-मात की चाल में वोटरों के मुद्दे हाशिए पर हैं। लेकिन, महत्वपूर्ण तथ्य यह कि यहां तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों अर्जुन मुंडा, रघुवर दास और चंपाई सोरेन की प्रतिष्ठा दांव पर है। अर्जुन मुंडा की प|ी मीरा मुंडा पोटका सीट से मैदान में हैं। वहीं, रघुवर दास की बहू पूर्णिमा दास जमशेदपुर पूर्वी से चुनावी दुदंुभी बजा रहीं हैं। जबकि, चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन घाटशिला से चुनावी रण में उतरे हैं। तीनों पहली बार मैदान में हैं। पूर्वी सिंहभूम : 6 विधानसभा क्षेत्र की कुछ सीटों पर बागी बिगाड़ेंगे खेल, शह-मात की चाल में वोटरों के मुद्दे हाशिए पर बहरागोड़ा में झामुमो ने निवर्तमान विधायक समीर मोहंती को मैदान में उतारा है। उनके सामने भाजपा के डॉ. दिनेशानंद गोस्वामी है। चुनाव के पहले झामुमो ने कुणाल षाड़ंगी को अपने खेमे में खींचकर भाजपा को मुश्किल में डाल दिया है। पिछले चुनाव में कुणाल ही भाजपा के प्रत्याशी थे। भाजपा को परंपरागत वोट बैंक का सहारा है। वहीं, झामुमो अपने परंपरागत वोटरों के साथ- साथ षाड़ंगी के पॉकेट वोट को बटोरने में हर हथकंडे अपनाएगा। फिलहाल यहां मुद्दों पर बातचीत कम हो रही है। इससे वोटरों का दर्द बढ़ता दिख रहा है। झामुमो ने रामदास सोरेन को फिर से मैदान में उतारा है। भाजपा ने नया दांव खेलते हुए पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को यहां से टिकट दिया है। कभी झामुमो में चंपाई के करीबी रहे रामदास सोरेन बदले राजनीतिक हालत में पूरी ताकत से अपनी चुनावी नैया को पार कराने में जुटे हैं। वहीं, भाजपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती यहां पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं का विद्रोह बन गई है। पूर्व विधायक लक्ष्मण टुडू झामुमो में शामिल हो गए हैं। ऐसे में भाजपा के रणनीतिकारों के लिए फिलहाल अपने ही कार्यकर्ताओं को अपनी झोली में वापस समेटने की हो गई है। जमशेदपुर पश्चिमी में कांग्रेस के बन्ना गुप्ता मैदान में हैं। उनके खिलाफ एक बार फिर सरयू राय ताल ठोंक रहे हैं। पिछले चुनाव में सरयू ने इस सीट को छोड़ दिया था। इस कारण बन्ना को एक तरह से वॉकओवर मिल गया था। पर, इस बार सरयू एनडीए की ओर से जदयू के टिकट पर मैदान में हैं। दोनों के लिए सबसे बड़ा खतरा वैसे प्रत्याशी हैं, जिनके पास जीत का माद्दा तो नहीं है, पर हजार- दो हजार वोट ले आए तो पिरणाम बदल सकता है। मान- मनौव्वल जारी है। नाम वापसी तक स्थिति संभालने में जो सफल रहेगा, उसकी स्थिति मजबूत रहेगी। जुगसलाई का आधा हिस्सा शहरी और आधा ग्रामीण है। नतीजा, यहां चुनाव मैदान में उतरने वालों के लिए दोनों ओर की रणनीति बिल्कुल अलग बनानी पड़ रही है। यहां कहीं एनडीए तो कहीं झामुमो मजबूत दिख रहा है। झामुमो ने निवर्तमान विधायक मंगल कालिंदी पर फिर से विश्वास किया है, जबकि एनडीए की ओर से आजसू के टिकट पर पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस मैदान में हैं। इन दोनों के बीच पहले भी मुकाबला हो चुका है और दोनों ने एक दूसरे को शिकस्त देकर बता दिया है कि वे किसी से कम नहीं हैं। यहां मुकाबला दिलचस्प होगा। झामुमो ने अपने सीटिंग एमएलए संजीव सरदार पर फिर विश्वास जताया है। इस बार उनका मुकाबला प्रदेश के पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा की प|ी मीरा मुंडा से है। मीरा पहली बार चुनाव मैदान में हैं। संजीव अपने कार्यकाल में कराए गए विकास कार्य को मुद्दा बनाकर लोगों के बीच जा रहे हैं। वहीं, मीरा लोगों को बता रहीं हैं कि विकास के मायने सिर्फ इतने ही नहीं हैं। दरअसल, शहर के कुछ हिस्सों से यह सीट जुड़ी है, पर अधिकतर हिस्सा ग्रामीण है, वहां समस्याओं का अंबार है। विकास के वादे जिनके मजबूत होंगे, वे जीत के उतने ही करीब होंगे। 2019 में तत्कालीन सीएम रघुवर दास को निर्दलीय मैदान में उतरकर उनके ही मंत्रिमंडल में रह चुके सरयू राय ने हराया था। अब परिदृश्य बदल गया है। सरयू पश्चिमी चले गए हैं। रघुवर राज्यपाल बन कर ओडिशा जा चुके हैं। उनकी बहू पूर्णिमा दास भाजपा के टिकट पर मैदान में हैं। सामना कांग्रेस के डॉ अजय कुमार से है। दोनों पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों को जीत का भरोसा है। पर, इस भरोसे को उनके ही दल के लोग पलीता लगाने में जुटे हैं। भाजपा के शिवशंकर सिंह व राजकुमार सिंह निर्दलीय मैदान में हैं। समीर मोहंती बाबूलाल सोरेन सरयू राय रामचंद्र सहिस संजीव सरदार डॉ अजय कुमार दिनेशानंद गोस्वामी रामदास सोरेन बन्ना गुप्ता मंगल कालिंदी मीरा मुंडा पूर्णिमा दास साहू बहरागोड़ा घाटशिला जमशेदपुर पश्चिमी जुगसलाई पोटका जमशेदपुर पूर्वी हवा का रुख