बीते तीन महीने में रूसी धरती पर दो बड़े आतंकी हमले हो चुके हैं। पहला हमला 22 मार्च को रूस की राजधानी मॉस्को के कॉर्क्स मॉल में हुआ। इस बार आतंकियों ने रूस के पश्चिमी दक्षिणी इलाकों में अटैक किया है जहां रूस विरोधी गुटों के दबदबा है। जहां रूस से आजादी की मांग दशकों से उठती रही है। ऐसे में ये आशंका जताई जा रही है कि दागिस्तान और सोचि में हुए टेरर अटैक के पीछे नाटो और यूक्रेन के हाथ हो सकता है। दवा तो यहां तक किया जा रहा है कि इस हमले के जरिए रूसी विघटन का ब्लूप्रिंट तैयार किया जा रहा है।

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रूसी फेडरेशन के 2 इलाकों में आतंकी हमला 
बीती रात रूसी फेडरेशन के दो इलाकें आतंकी हमले से ढल उठे। रूस के दागिस्तान में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। रूस के दो शहरों पर आतंकियों ने कहर बरपाया है। ताबड़तोड़ गोलियां चलाते हुए आतंकियों की तस्वीरें भी कैमरे में कैद हुई हैं। आतंकियों की तरफ से दो धर्म स्थलों को निशाना बनाया गया। यहूदी धर्मस्थल और ईसाई चर्च पर आतंकियों ने निशाना साधा है। जिसके बाद रूस के कई शहर हाई अलर्ट पर आ गए और सड़कों पर बख्तरबंद गाड़ियां नजर आने लगी। अपनी बेरहमी और क्रूरता के लिए जाना जाने वाला इस्लामिक स्टेट ने एक बार फिर से रूस के दो शहरों को टारगेट किया है। 
रूस के एक मॉल में आतंकी हमला 
गौर करने वाली बात ये है कि दागिस्तान और सोची में हुआ हमला रूस में इस साल का दूसरा बड़ा आतंकी हमला है। इससे पहले रूस के एक मॉल में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 150 से ज्यादा लोग मारे गए थे। हालांकि इस हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस-के संगठन ने ली थी। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि दागिस्तान, सोची को आतंकी साजिश से किसने दहलाया। 

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रूस की धरती पर 2 टेरर अटैक की साजिश का मुख्य किरदार कौन
वैसे तो इन आतंकी हमलों की जांच रूसी एजेंसियां कर रही हैं। फिलहाल टेरर अटैक को किसने और क्यों अंजाम दिया इसकी पड़ताल हो रही है। अब्दुलखाकिम गडजिएव ने कहा कि इस आतंकी हमलों को पूरी प्लांनिग के साथ अंजाम दिया गया है। मेरा मानना है कि आतंकी हमले में किसी न किसी तरह से यूक्रेन और नाटो देश की खुफिया एजेंसी और उससे जुड़े लोगों का हाथ है।

बीते तीन महीने में रूसी धरती पर दो बड़े आतंकी हमले हो चुके हैं। पहला हमला 22 मार्च को रूस की राजधानी मॉस्को के कॉर्क्स मॉल में हुआ। इस बार आतंकियों ने रूस के पश्चिमी दक्षिणी इलाकों में अटैक किया है जहां रूस विरोधी गुटों के दबदबा है। जहां रूस से आजादी की मांग दशकों से उठती रही है। ऐसे में ये आशंका जताई जा रही है कि दागिस्तान और सोचि में हुए टेरर अटैक के पीछे नाटो और यूक्रेन के हाथ हो सकता है। दवा तो यहां तक किया जा रहा है कि इस हमले के जरिए रूसी विघटन का ब्लूप्रिंट तैयार किया जा रहा है।

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रूसी फेडरेशन के 2 इलाकों में आतंकी हमला 
बीती रात रूसी फेडरेशन के दो इलाकें आतंकी हमले से ढल उठे। रूस के दागिस्तान में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। रूस के दो शहरों पर आतंकियों ने कहर बरपाया है। ताबड़तोड़ गोलियां चलाते हुए आतंकियों की तस्वीरें भी कैमरे में कैद हुई हैं। आतंकियों की तरफ से दो धर्म स्थलों को निशाना बनाया गया। यहूदी धर्मस्थल और ईसाई चर्च पर आतंकियों ने निशाना साधा है। जिसके बाद रूस के कई शहर हाई अलर्ट पर आ गए और सड़कों पर बख्तरबंद गाड़ियां नजर आने लगी। अपनी बेरहमी और क्रूरता के लिए जाना जाने वाला इस्लामिक स्टेट ने एक बार फिर से रूस के दो शहरों को टारगेट किया है। 
रूस के एक मॉल में आतंकी हमला 
गौर करने वाली बात ये है कि दागिस्तान और सोची में हुआ हमला रूस में इस साल का दूसरा बड़ा आतंकी हमला है। इससे पहले रूस के एक मॉल में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 150 से ज्यादा लोग मारे गए थे। हालांकि इस हमले की जिम्मेदारी आईएसआईएस-के संगठन ने ली थी। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि दागिस्तान, सोची को आतंकी साजिश से किसने दहलाया। 

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वैसे तो इन आतंकी हमलों की जांच रूसी एजेंसियां कर रही हैं। फिलहाल टेरर अटैक को किसने और क्यों अंजाम दिया इसकी पड़ताल हो रही है। अब्दुलखाकिम गडजिएव ने कहा कि इस आतंकी हमलों को पूरी प्लांनिग के साथ अंजाम दिया गया है। मेरा मानना है कि आतंकी हमले में किसी न किसी तरह से यूक्रेन और नाटो देश की खुफिया एजेंसी और उससे जुड़े लोगों का हाथ है।