संयुक्त राज्य अमेरिका में पहली राष्ट्रपति बहस आज यानी 27 जून को प्रसारित होने वाली है। बहस सामान्य वक्त से महीनों पहले और कोई लाइव आडियंस नहीं होने जैसे नए नियमों के साथ हो रही है। सीएनएन द्वारा आयोजित कैंपेन में में पहली बार डेमोक्रेट राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रम्प के बीच फेस ऑफ मुकाबला होगा। इस बहस में अर्थव्यवस्था, मुद्रास्फीति और आप्रवासन के मुद्दे प्रमुख रहने की उम्मीद है। इसके अलावा विदेश नीति के प्रश्न, प्रमुख रूप से चीन, यूक्रेन और गाजा में इज़राइल के संघर्ष से जुड़े प्रश्न भी उठाए जाने की उम्मीद है।

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कानूनी विवाद
इस बहस में दोनों उम्मीदवारों से जुड़े हालिया कानूनी मुद्दे भी चर्चा का विषय जरूर से रह सकते हैं। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप हाल ही में न्यूयॉर्क में 34 आपराधिक आरोपों में दोषी पाए गए। इसके साथ ही वो गंभीर अपराधों के लिए दोषी ठहराए जाने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए हैं। ये मुद्दा जो बाइडेन को ट्रंप को घेरने के लिए मुफीद रह सकता है। बाइडेन इसके सहारे ट्रम्प को एक अनैतिक और अविश्वसनीय व्यक्ति के रूप में प्रजेंट कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, ट्रम्प बाइडेन के बेटे हंटर के कानूनी विवाद का जिक्र कर पलटवार कर सकते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जबकि दोनों कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं, इस चुनाव में केवल ट्रम्प उम्मीदवार हैं, हंटर बाइडेन नहीं।
एज फैक्टर
उम्र और मेंटल हेल्थ इस डिबेट का फोकस प्वाइंट होने की उम्मीद है। विशेष रूप से दोनों उम्मीदवारों की उम्र को देखते हुए। 78 साल के ट्रम्प ने राष्ट्रपति की गलतियों की ओर इशारा करते हुए बाइडेन की फिटनेस पर लगातार सवाल उठाए हैं। ट्रम्प ने यहां तक ​​सुझाव दिया है कि बाइडेन एक संज्ञानात्मक परीक्षण लें, हालांकि उन्होंने खुद अपने भाषणों में उल्लेखनीय त्रुटियां की हैं। 81 वर्षीय बाइडेन के सामने दूसरी बार अपनी दावेदारी का बचाव करते हुए अपनी उम्र के बावजूद दूसरे कार्यकाल की सेवा करने की अपनी क्षमता पर उठाए जा रहे प्रश्नों से खुद का बचाव करना होगा।

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गर्भपात अधिकार पर बहस
गर्भपात एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जहां बाइडेन के आक्रामक होने की संभावना है। सुप्रीम कोर्ट में ट्रम्प की नियुक्तियों ने रो बनाम वेड को पलटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे पूरे देश में व्यापक गर्भपात प्रतिबंध लग गए। जबकि ट्रम्प ने कहा है कि अगर वह दोबारा चुने जाते हैं तो वह राष्ट्रीय गर्भपात प्रतिबंध का समर्थन नहीं करेंगे, रो बनाम वेड के उलटफेर में उनकी भूमिका विवाद का एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगी। बाइडेन का पसंद-समर्थक रुख बिल्कुल विपरीत है, और उनसे उम्मीद की जाती है कि वह इसका उपयोग महिलाओं के अधिकारों पर ट्रम्प के हानिकारक प्रभाव को उजागर करने के लिए करेंगे।
विदेश नीति के मुद्दे
जहां बहस मुख्य रूप से घरेलू मुद्दों पर केंद्रित होगी, वहीं विदेश नीति भी एजेंडे में होगी। चीन पर अमेरिका के रुख, इज़राइल और हमास के बीच संघर्ष और व्यापक अंतरराष्ट्रीय संबंधों जैसे प्रमुख विषयों के संक्षिप्त उल्लेख की अपेक्षा करें। प्रत्येक उम्मीदवार का लक्ष्य जटिल वैश्विक परिदृश्य को संभालने में अपनी क्षमता प्रदर्शित करना होगा।
आप्रवासन नीति
आप्रवासन एक अन्य क्षेत्र है जहां ट्रम्प द्वारा बिडेन की भारी आलोचना की उम्मीद है। बिडेन प्रशासन को अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर आप्रवासन के प्रबंधन में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, एक ऐसा बिंदु जिसका उपयोग ट्रम्प संभवतः बिडेन की प्रभावशीलता पर सवाल उठाने के लिए करेंगे। आप्रवासन पर ट्रम्प का सख्त रुख उनके अभियान का एक केंद्रीय विषय बना हुआ है, और वह इस अवसर का उपयोग अपनी नीतियों और वर्तमान प्रशासन की नीतियों के बीच एक तीव्र अंतर निकालने के लिए करेंगे।

संयुक्त राज्य अमेरिका में पहली राष्ट्रपति बहस आज यानी 27 जून को प्रसारित होने वाली है। बहस सामान्य वक्त से महीनों पहले और कोई लाइव आडियंस नहीं होने जैसे नए नियमों के साथ हो रही है। सीएनएन द्वारा आयोजित कैंपेन में में पहली बार डेमोक्रेट राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रम्प के बीच फेस ऑफ मुकाबला होगा। इस बहस में अर्थव्यवस्था, मुद्रास्फीति और आप्रवासन के मुद्दे प्रमुख रहने की उम्मीद है। इसके अलावा विदेश नीति के प्रश्न, प्रमुख रूप से चीन, यूक्रेन और गाजा में इज़राइल के संघर्ष से जुड़े प्रश्न भी उठाए जाने की उम्मीद है।

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कानूनी विवाद
इस बहस में दोनों उम्मीदवारों से जुड़े हालिया कानूनी मुद्दे भी चर्चा का विषय जरूर से रह सकते हैं। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप हाल ही में न्यूयॉर्क में 34 आपराधिक आरोपों में दोषी पाए गए। इसके साथ ही वो गंभीर अपराधों के लिए दोषी ठहराए जाने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए हैं। ये मुद्दा जो बाइडेन को ट्रंप को घेरने के लिए मुफीद रह सकता है। बाइडेन इसके सहारे ट्रम्प को एक अनैतिक और अविश्वसनीय व्यक्ति के रूप में प्रजेंट कर सकते हैं। वहीं दूसरी ओर, ट्रम्प बाइडेन के बेटे हंटर के कानूनी विवाद का जिक्र कर पलटवार कर सकते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जबकि दोनों कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं, इस चुनाव में केवल ट्रम्प उम्मीदवार हैं, हंटर बाइडेन नहीं।
एज फैक्टर
उम्र और मेंटल हेल्थ इस डिबेट का फोकस प्वाइंट होने की उम्मीद है। विशेष रूप से दोनों उम्मीदवारों की उम्र को देखते हुए। 78 साल के ट्रम्प ने राष्ट्रपति की गलतियों की ओर इशारा करते हुए बाइडेन की फिटनेस पर लगातार सवाल उठाए हैं। ट्रम्प ने यहां तक ​​सुझाव दिया है कि बाइडेन एक संज्ञानात्मक परीक्षण लें, हालांकि उन्होंने खुद अपने भाषणों में उल्लेखनीय त्रुटियां की हैं। 81 वर्षीय बाइडेन के सामने दूसरी बार अपनी दावेदारी का बचाव करते हुए अपनी उम्र के बावजूद दूसरे कार्यकाल की सेवा करने की अपनी क्षमता पर उठाए जा रहे प्रश्नों से खुद का बचाव करना होगा।

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गर्भपात अधिकार पर बहस
गर्भपात एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जहां बाइडेन के आक्रामक होने की संभावना है। सुप्रीम कोर्ट में ट्रम्प की नियुक्तियों ने रो बनाम वेड को पलटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे पूरे देश में व्यापक गर्भपात प्रतिबंध लग गए। जबकि ट्रम्प ने कहा है कि अगर वह दोबारा चुने जाते हैं तो वह राष्ट्रीय गर्भपात प्रतिबंध का समर्थन नहीं करेंगे, रो बनाम वेड के उलटफेर में उनकी भूमिका विवाद का एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगी। बाइडेन का पसंद-समर्थक रुख बिल्कुल विपरीत है, और उनसे उम्मीद की जाती है कि वह इसका उपयोग महिलाओं के अधिकारों पर ट्रम्प के हानिकारक प्रभाव को उजागर करने के लिए करेंगे।
विदेश नीति के मुद्दे
जहां बहस मुख्य रूप से घरेलू मुद्दों पर केंद्रित होगी, वहीं विदेश नीति भी एजेंडे में होगी। चीन पर अमेरिका के रुख, इज़राइल और हमास के बीच संघर्ष और व्यापक अंतरराष्ट्रीय संबंधों जैसे प्रमुख विषयों के संक्षिप्त उल्लेख की अपेक्षा करें। प्रत्येक उम्मीदवार का लक्ष्य जटिल वैश्विक परिदृश्य को संभालने में अपनी क्षमता प्रदर्शित करना होगा।
आप्रवासन नीति
आप्रवासन एक अन्य क्षेत्र है जहां ट्रम्प द्वारा बिडेन की भारी आलोचना की उम्मीद है। बिडेन प्रशासन को अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर आप्रवासन के प्रबंधन में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, एक ऐसा बिंदु जिसका उपयोग ट्रम्प संभवतः बिडेन की प्रभावशीलता पर सवाल उठाने के लिए करेंगे। आप्रवासन पर ट्रम्प का सख्त रुख उनके अभियान का एक केंद्रीय विषय बना हुआ है, और वह इस अवसर का उपयोग अपनी नीतियों और वर्तमान प्रशासन की नीतियों के बीच एक तीव्र अंतर निकालने के लिए करेंगे।