पाकिस्तान के विदेश मंत्री और डिप्टी प्राइम मिनिस्टर इशार डार ने अचानक मीटिंग में डरते हुए भारत की तारीफ कर दी। इस मीटिंग में बड़े बड़े लोग उनके सामने बैठे थे। सभी लोग इशाक डार की बड़ी बड़ी बातें सुन रहे थे। इसी बीच इशाक डार ने भारत से मदद की भीख मांगनी शुरू कर दी। अपने देश के विदेश मंत्री और उपप्रधानमंत्री को सुनने आए लोग भी भौच्चका रह गए। उनके कानों को उम्मीद थी की पाक के हुक्मरानों की तरफ से हमेशा की तरह लच्छेदार बातें जैसे आज ही कश्मीर को आजाद करवा लेंगे जैसे लतीफें गढ़े जाएंगे। लेकिन इशाक डार ने तो भारत से मदद ही मांग ली।

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उन्होंने कहा कि भारत से दोस्ती करने का वक्त आ गया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्री का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब इस्लामाबाद से आया 40 लोगों का डेलिगेशन भारत में बैठा है। पाकिस्तान का ये डेलिगेशन भी डरते डरते भारत आया है। इन सभी को लग रहा है कि भारत पाकिस्तान की तरफ आने वाला पानी पूरी तरह से रोक देगा। पाकिस्तान प्यास और सूखे से मर जाएगा। इसलिए पाकिस्तान के ये चालीस लोग वर्ल्ड बैंक के कुछ अधिकारियों के साथ बैठकर भारत पहुंचे हैं।

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पाकिस्तान को डर सता रहा है कि भारत जम्मू कश्मीर में अपने हिस्सों की नदियों पर तो बांध बना ही रहा है। लेकिन उसके हिस्सों की नदियों पर भी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स शुरू कर रहा है। वैसे पाकिस्तान जो सोच रहा है वह बिल्कुल सही है। भारत और पाकिस्तान के हिस्से वाले नदियों पर भी अपने प्रोजेक्ट्स शुरू कर चुका है। आपको बता दें कि 1960 में सिंधु जल संधि के तहत 6 नदियों के पानी का बंटवारा तय हुआ था।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री और डिप्टी प्राइम मिनिस्टर इशार डार ने अचानक मीटिंग में डरते हुए भारत की तारीफ कर दी। इस मीटिंग में बड़े बड़े लोग उनके सामने बैठे थे। सभी लोग इशाक डार की बड़ी बड़ी बातें सुन रहे थे। इसी बीच इशाक डार ने भारत से मदद की भीख मांगनी शुरू कर दी। अपने देश के विदेश मंत्री और उपप्रधानमंत्री को सुनने आए लोग भी भौच्चका रह गए। उनके कानों को उम्मीद थी की पाक के हुक्मरानों की तरफ से हमेशा की तरह लच्छेदार बातें जैसे आज ही कश्मीर को आजाद करवा लेंगे जैसे लतीफें गढ़े जाएंगे। लेकिन इशाक डार ने तो भारत से मदद ही मांग ली।

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