काठमांडू । नेपाल के दो सबसे बड़े दलों – नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (यूएमएल) – के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक से यह अटकलें तेज हो गई हैं कि प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाली सरकार के दिन अब गिने-चुने रह गए हैं। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने शनिवार को नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के आवास पर जाकर देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। ओली की पार्टी मौजूदा गठबंधन सरकार का हिस्सा है। 
बंद कमरे में हुई बैठक का ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन राजनीतिक हलकों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों नेताओं ने संभवत: प्रचंड को हटाने के लिए नयी गठबंधन सरकार के गठन पर चर्चा की। एक बार फिर प्रधानमंत्री पद पर नजर गड़ाए ओली वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार द्वारा हाल में किए गए बजट आवंटन से नाखुश थे, जिसके बारे में उन्होंने सार्वजनिक रूप से बात की थी। हालांकि, प्रधानमंत्री प्रचंड के करीबी सूत्रों ने ‘‘सत्ता में बदलाव की अफवाहों’’ को खारिज करते हुए कहा है कि सत्तारूढ़ गठबंधन के दो शीर्ष नेता सीपीएन-माओवादी केंद्र के अध्यक्ष प्रचंड और सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष ओली मौजूदा गठबंधन को पूर्ण कार्यकाल तक जारी रखने के लिए दृढ़ हैं। 
प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार गोविंदा आचार्य ने दावा किया कि प्रचंड और ओली ने रविवार और सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में दो बैठकें कीं, जिसके दौरान दोनों नेताओं ने ताजा राजनीतिक स्थिति और वर्तमान गठबंधन सरकार को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा गठबंधन सरकार में बदलाव और नये गठबंधन के गठन के दावों में कोई सच्चाई नहीं है।

काठमांडू । नेपाल के दो सबसे बड़े दलों – नेपाली कांग्रेस और सीपीएन (यूएमएल) – के बीच एक उच्च स्तरीय बैठक से यह अटकलें तेज हो गई हैं कि प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाली सरकार के दिन अब गिने-चुने रह गए हैं। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा ने शनिवार को नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली के आवास पर जाकर देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की। ओली की पार्टी मौजूदा गठबंधन सरकार का हिस्सा है। 
बंद कमरे में हुई बैठक का ब्योरा सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन राजनीतिक हलकों में अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों नेताओं ने संभवत: प्रचंड को हटाने के लिए नयी गठबंधन सरकार के गठन पर चर्चा की। एक बार फिर प्रधानमंत्री पद पर नजर गड़ाए ओली वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार द्वारा हाल में किए गए बजट आवंटन से नाखुश थे, जिसके बारे में उन्होंने सार्वजनिक रूप से बात की थी। हालांकि, प्रधानमंत्री प्रचंड के करीबी सूत्रों ने ‘‘सत्ता में बदलाव की अफवाहों’’ को खारिज करते हुए कहा है कि सत्तारूढ़ गठबंधन के दो शीर्ष नेता सीपीएन-माओवादी केंद्र के अध्यक्ष प्रचंड और सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष ओली मौजूदा गठबंधन को पूर्ण कार्यकाल तक जारी रखने के लिए दृढ़ हैं। 
प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार गोविंदा आचार्य ने दावा किया कि प्रचंड और ओली ने रविवार और सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में दो बैठकें कीं, जिसके दौरान दोनों नेताओं ने ताजा राजनीतिक स्थिति और वर्तमान गठबंधन सरकार को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा गठबंधन सरकार में बदलाव और नये गठबंधन के गठन के दावों में कोई सच्चाई नहीं है।