मुरादाबाद के तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी (TMU) से फिर सुसाइड की खबर आ रही है। गुरुवार को यहा एक मेडिकल स्टूडेंट की लाश फंदे पर लटकी मिली है। अभी 4 दिन पहले ही यहां महिला एसोसिएट प्रोफेसर का शव यूनिवर्सिटी के गेस्ट हाउस के रूम में फर्श पर पड़ा मिला था। उसके गले पर चाकू के कट के 4 निशान थे। सीओ हाईवे ने बताया- टीएमयू से सुसाइड की सूचना है, पुलिस मौके पर पहुंच रही है। करीब 25 दिन पहले भी यूनिवर्सिटी के ब्वॉयज हॉस्टल में एक बीबीए छात्र की लाश पंखे पर लटकी मिली थी। जानकारी के अनुसार एमडीएस स्टूडेंट ओशो राज चौधरी की लाश यूनिवर्सिटी के ब्वॉयज हॉस्टल के कमरे में फंदे पर लटकी मिली है। वह रांची का रहने वाला था। जानकारी के अनुसार ओशे राज चौधरी एमडीएस द्वितीय वर्ष का छात्र था। फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंचकर साक्ष्य एकत्र कर रही है। फिलहाल छात्र के आत्महत्या के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं हुई है। पुलिस अधिकारी मौके पर जांच – पड़ताल कर रहे हैं। रूम नंबर 103 में पंखे से लटकी मिली लाश सुसाइड करने वाला मेडिकल स्टूडेंट ओशो राज चौधरी झारखंड के रांची का रहने वाला था। MBBS करने के बाद 2 साल पहले उसने टीएमयू में बतौर पीजी स्टूडेंट (एमडी, एनेस्थीसिया) एडमिशन लिया था। वो एमडी फाइनल का छात्र था। ओशो राज चौधरी यूनिवर्सिटी के ब्वॉयज हॉस्टल में ए ब्लॉक में कमरा नंबर 103 में अकेले रहता था। इसी कमरे में गुरुवार सुबह 8:30 बजे उसकी लाश पंखे से बेड शीट के सहारे लटकी मिली है। पुलिस का कहना है कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। माता-पिता की इकलौती संतान था, पिता सीएमओ थे
ओशोराज चौधरी अपने माता-पिता की इकलौती संतान था। उसके पिता डॉ. अपूर्व चौधरी झारखंड में सीएमओ थे। उनकी मृत्यु हो चुकी है। ओशोराज की मां पूनम चौधरी रांची में गर्वमेंट इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल हैं। यूनिवर्सिटी प्रबंधन और पुलिस की ओर से छात्र के परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है। जानकारी के अनुसार गुरुवार सुबह ओशोराज ने अपने साथी स्टूडेंट का फोन पिक नहीं किया तो उसे खोजते हुए साथी हॉस्टल में पहुंचे। यहां उसकी लाश लटकी मिली। हर बार की तरह इस बार भी नहीं मिला सुसाइड नोट
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी (TMU) में एक माह के भीतर संदिग्ध हालात में ये तीसरी मौत है। 9 जनवरी को आगरा के रहने वाले बीबीए छात्र अक्षत जैन की लाश यूनिवर्सिटी के ब्वॉयज हॉस्टल में पंखे से लटकी मिली थी। यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने इसे सुसाइड बताया था। लेकिन अक्षत जैन के पिता ने बेटे की मौत को सुसाइड के बजाए संदिग्ध बताते हुए मुरादाबाद के एसएसपी से निष्पक्ष जांच की मांग की है। इसके बाद 4 दिन पहले यूनिवर्सिटी के गेस्ट हाउस में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अदिति की लाश फर्श पर पड़ी मिली। उनके गले पर चाकू से कट के 4 निशान थे। इस मौत को भी सुसाइड बताया गया। तीसरा मामला गुरुवार को सामने आया जब पीजी मेडिकल स्टूडेंट की लाश पंखे से लटकी मिली है। तीनों ही मौतों काे यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने सुसाइड बताया है लेकिन इन तीनों मौतों में एक बात कॉमन है कि तीनों ही आत्महत्याओं में सुसाइड नोट नहीं मिला है। इससे पहले भी यूनिवर्सिटी कैंपस में होने वाली अधिकतर मौतों में सुसाइड नोट नहीं मिले हैं। इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं। खबर अपडेट की जा रही है….