फरवरी में 175 करोड़, मार्च में 180 करोड़ और अप्रैल में 182 करोड़ की दवाएं एक्सपायर हो गईं और सर्जरी के सामान बेकार हो गए। इधर मरीजों को बाजार से दवा खरीदना पड़ा। अब इसे मैनेज करने की कवायद चल रही है।