पति की लंबी उम्र के लिए मराठी व गुजराती महिलाओं ने शुक्रवार को वट सावित्री व्रत कर वट वृक्ष की पूजा की। बिष्टुपुर जलाराम मंदिर, काशीडीह श्री दुर्गा मंदिर परिसर में 0महिलाएं पूजा की थाली लेकर बरगद के पेड़ के नीचे पहुंचीं। यहां जल, अक्षत, कुमकुम से पूजा-अर्चना की। इसके बाद लाल मौली धागे से वृक्ष के चारों और घूमते हुए सात बार परिक्रमा पूरी की। इसके बाद महिलाओं ने सावित्री व्रत की कथा सुनी। पूजा के दौरान सभी महिलाओं ने पंडित जी को सामान के साथ हाथ का पंखा भी दान किए। काशीडीह निवासी मराठी समाज की पुष्पा ने बताया कि सभी अनुष्ठान मंदिर के पुजारी द्वारा संपन्न कराया गया। वहीं, श्री जला मंदिर, बिष्टुपुर में महिला पुजारी के देखरेख में सभी अनुष्ठान संपन्न हुआ। उन्होंने बताया कि जब यमराज सत्यवान के प्राण लेकर जाने लगे तो सावित्री भी पीछे-पीछे चलने लगी। यमराज ने सावित्री को तीन वरदान दिए। सावित्री ने मांगा कि वह सौ पुत्रों की माता बने। यमराज ने ऐसा होगा कह दिया। इसके बाद यमराज ने चने के रूप में सत्यवान के प्राण सावित्री को सौंप दिए। मौके पर बड़ी संख्या में महिलाएं मौजूद थीं। कुछ आज करेंगे पूर्णिमा की पूजा: ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि शुरुआत 21 जून की सुबह 06:01 बजे हुई। जिसका समापन 22 जून की सुबह 05: 07 बजे होगी। ऐसे तिथि में कुछ लोग शुक्रवार को पूर्णिमा मनाए तो कुछ लोग उदया तिथि मान कर शनिवार को मनाएंगे। भगवान प्रभु जगन्नाथ का महा स्नान भी शनिवार को ही मनाया जाएगा। वट सावित्रि पूजा करतीं महिलाएं।

​