नीट पेपर लीक मामले की जांच बिहार पुलिस की एजेंसी कर रही है। 5 मई को नीट की परीक्षा हुई थी। इस दौरान बिहार पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ स्टूडेंट्स और सेटर के पास प्रश्न-पत्र पहले से पहुंच गया है, और उसे रटवाया जा रहा है। पुलिस जब वहां पहुंची तो जला प्रश्नपत्र मिला और बुकलेट नंबर 6136488 बरामद किया था। सूत्रों की मानें तो यह बुकलेट हजारीबाग के एक सेंटर का है। इससे यह माना जा रहा है कि पेपर झारखंड से ही लीक हुआ था। इधर जांच एजेंसी के हेड फिलहाल दिल्ली में हैं। सूत्रों की मानें तो उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट और अबतक की कार्रवाई से एनटीए और शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों को अवगत कराया है। हालांकि जांच एजेंसी की तरफ से अबतक इसको लेकर आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है। प्रोफेसर ने वाट्सएप पर प्रश्नपत्र भेजा था अबतक की जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि नूरसराय उद्यान महाविद्यालय का कर्मी संजीव मुखिया ही पेपर लीक करने वाले गिरोह का सरगना है। यह गिरोह कई माह से इसकी साजिश रच रहा था। संजीव को एक प्रोफेसर ने वाट्सएप पर प्रश्नपत्र भेजा था। इसके बाद पटना और रांची के मेडिकल स्टूडेंट की मदद से हल कराया गया। हल होने के बाद 5 मई की सुबह उत्तर के साथ इसे करायपरसुराय के चिंटू उर्फ बलदेव के मोबाइल पर भेजा गया। जांच एजेंसी को भी प्रोफेसर के बारे में जानकारी मिली है। हालांकि एजेंसी अधिकारी फिलहाल इस पर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। पटना के बंद स्कूल में रटवाए गए प्रश्न-उत्तर चिंटू के कहने पर हिलसा के पिंटू ने इसका प्रिंट निकाला और सुबह 9 बजे खेमनीचक स्थित बंद हो चुके लर्न एंड प्ले स्कूल में ठहराए गए करीब 20-25 अभ्यर्थियों को रटने के लिए दे दिया गया। जेल भेजे गए अभ्यर्थियों के रिजल्ट से भी पता चलता है कि वे किसी एक ही विषय का प्रश्न और उत्तर रट पाए। क्योंकि, एक ही विषय में उनका परसेंटाइल बेहतर है। अभ्यर्थी अभिषेक का पिता अवधेश है सिकंदर का इंवेस्टर 5 मई को पुलिस ने अभ्यर्थी अभिषेक को परीक्षा केंद्र से गिरफ्तार किया था। इसी दिन अभिषेक के पिता अवधेश को भी गिरफ्तार किया गया था। अवधेश रांची के काको में रहता है। सिकंदर 2012 से पहले रांची में ठेकेदारी करता था और अवधेश उसका मुंशी होता था। 2012 में सिकंदर बिहार में सरकारी जेई बन गया। इसके बाद अवधेश रांची में जमीन का कारोबार करने लगा। 12 साल में अवधेश करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर चुका है। सूत्रों की मानें तो अवधेश सिकंदर का इंवेस्टर है। सिकंदर ने भी रांची में करोड़ों की संपत्ति अर्जित की है। सिकंदर का रांची के जगतपुरम में मकान और फ्लैट भी है। करीब तीन माह पहले सिकंदर ने रांची के बाइपास रोड में बेटे के लिए एक स्पोर्ट्स का शोरूम भी खोला है। उसकी बेटी एमबीबीएस कर चुकी है। पुलिस को भी जानकारी मिली है कि सिकंदर की अवैध कमाई को अवधेश रांची में जमीन में इंवेस्ट करता है। जांच एजेंसी सिकंदर पर आय से अधिक संपत्ति का भी केस करेगी। मालूम हो कि जमीन कारोबार के ही विवाद में अवधेश को रांची में 2023 में गोली मारकर घायल कर दिया गया था। प्रीतम को नोटिस भेज पूछताछ कर सकती है पुलिस गुरुवार को उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के पीएस और बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रीतम कुमार पर आरोप लगाया था कि उनकी सिफारिश पर ही एचएचआईवी (निरीक्षण भवन) में निलंबित जेई सिकंदर यादवेंदु के साले के बेटे अनुराग और उसकी मां रीना को ठहराया गया था। जांच एजेंसी प्रीतम को नोटिस भेजकर पूछताछ कर सकती है। इधर जांच एजेंसी ने नालंदा पुलिस को नोटिस भेजकर संजीव मुखिया को गिरफ्तार करने को कहा है। नालंदा पुलिस ने शुक्रवार को संजीव मुखिया के घर पर छापेमारी की लेकिन वह फरार मिला। संजीव के परिजनों से पूछताछ की। सूत्रों की मानें तो पुलिस संजीव मुखिया के घर की कुर्की जब्ती भी कर सकती है। फिलहाल इस मामले में पुलिस संजीव के अलावा रॉकी उर्फ राकेश रंजन, चिंटू उर्फ बलदेव, पिंटू, आशुतोष सहित अन्य माफियाओं को तलाश रही है। पूर्व प्रमुख प्रभात रंजन और संजीव मुखिया करीबी क्या यह महज संयोग है कि परीक्षा माफिया संजीव मुखिया का बेटा डॉ. शिव पीएमसीएच से एमबीबीएस कर चुका है। सिकंदर यादवेंदु की बेटी भी एमबीबीएस कर चुकी है और दामाद पीजी की पढ़ाई कर रहा है। अब यह जानकारी सामने आई है कि प्रभात रंजन की बेटी भी एमबीबीएस कर चुकी है। प्रभात रंजन दनियावां का प्रखंड प्रमुख रह चुका है। उसकी पत्नी मुखिया रही है। खेमनीचक में इन्हीं के मकान में 20-25 अभ्यर्थियों को 4 मई की रात को रखा गया और वहीं पर नीट यूजी का प्रश्नपत्र और उत्तर रटाया गया। संजीव मुखिया से प्रभात रंजन के करीबी संबंध हैं। संजीव के कहने पर ही प्रभात ने आशुतोष को किराया पर मकान दिया था। पुलिस ने बताया कि प्रभात रंजन से एक बार पूछताछ हुई है। उसकी भूमिका भी संदिग्ध है। 2004 में 13, 2015 में 44 छात्रों के पास पहुंचा था लीक पर्चा नीट पेपर लीक मामले पर केंद्र सरकार री-टेस्ट कराने का फैसला नहीं ले पाई है। जबकि प्री-मेडिकल टेस्ट के 2004 और 2015 के मामले नजीर हैं कि पेपर लीक की शिकायत पर किस तरह री-टेस्ट के फैसले लिए गए। 2004 में शुरुआती जांच में तब 13 छात्रों के पेपर खरीदने की बात सामने आई थी, तब सीबीएसई ने परीक्षा रद्द कर एक हफ्ते में दोबारा कराई। 2015 में सीबीएसई ने दलील दी थी कि लीक मामले में केवल 44 छात्रों की संलिप्तता है तो 6 लाख बच्चों को दोबारा परीक्षा के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है? तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एक छात्र को भी गलत तरीके से फायदा मिलता है तो यह बाकी छात्रों के साथ अन्याय है। इस साल नीट का लीक पेपर बिहार में 20 से 25 छात्र छात्राओं तक पहुंचा था। इन्हें पटना के एक स्कूल में लीक पर्चा रटाया गया था। ये खबर भी पढ़िए तेजस्वी की सरकार को चुनौती-पीएस से पूछताछ कर लें:RJD ने शेयर की डिप्टी सीएम के साथ NEET पेपर लीक के मास्टरमाइंड की तस्वीर नीट पेपर लीक केस में तेजस्वी के पीएस का नाम आने को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मेरा सहायक हो, पीएस हो कोई हो बुलाकर पूछताछ कर लें। पूछताछ करने में क्या दिक्कत है। तेजस्वी ने कहा- मैं मुख्यमंत्री से कहता हूं कि मेरे सहायक को बुला लें और पूछताछ कर लें। लेकिन उपमुख्यमंत्री जो सवाल उठा रहे हैं, EOU ने तो इस बात को लेकर आज तक नहीं कहा है। पूरी खबर पढ़ें

​