राज्य में पिछड़ा वर्ग को राज्य में होने वाली नियुक्तियों में पांच साल की छूट मिले, इसके लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग तैयारी में है। जल्द ही इस मुद्दे को लेकर आयोग प्रस्ताव बनाने जा रहा है। इस प्रस्ताव को आयोग की अगले सप्ताह होने वाली मीटिंग में रखा जाएगा। फिलहाल आयोग प्रस्ताव बनाने को लेकर झारखंड के आसपास के राज्यों की व्यवस्था का अध्ययन कर रहा है। इस अध्ययन के बाद प्रस्ताव तैयार किया जाएगा, जिसे आयोग की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।
सभी कैटेगरी की नियुक्तियों में छूट की तैयारी
आयोग की ओर से बताया गया है कि राज्य में ओबीसी की संख्या लगभग 50 फीसदी है। लेकिन अभी उन्हें नियुक्तियों में दो वर्ष की ही छूट मिलती है। उन्हें अधिक अवसर मिले, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद का कहना है कि अभी इस विषय पर विचार चल रहा है। हम दूसरे राज्यों की व्यवस्था का अध्ययन कर रहे हैं। आयोग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार ओबीसी श्रेणी के उम्मीदवारों को जेपीएससी, जेएसएससी सहित अन्य नियुक्ति प्रक्रिया में उम्र सीमा में छूट दी जाएगी।
बिहार-छत्तीसगढ़ की व्यवस्था का अध्ययन
जानकारी के मुताबिक झारखंड में दो साल, बिहार में तीन साल और छत्तीसगढ़ में ओबीसी कैटेगरी को नियुक्ति में पांच साल की छूट मिलती है। अभी बिहार और छत्तीसगढ़ की व्यवस्था का अध्ययन किया जा रहा है। इसके बाद संविधान विशेषज्ञों और एक्सपर्ट की राय लेकर प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। जिसके आधार पर आयोग सरकार तक अपने विचार को रखेगी।
आरक्षण का दायरा बढ़ाने की भी बात
राज्य में ओबीसी को नौकरियों में उम्र सीमा की छूट देने पर विचार तो चल ही रहा है, इसके अतिरिक्त आरक्षण का दायरा बढ़ाने का भी प्रयास जारी है। 1 नवंबर, 2022 को तत्कालीन हेमंत सोरेन सरकार ने राज्य में आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 77 प्रतिशत करने का विधेयक पारित किया था। इसमें एसटी को 28 प्रतिशत, ओबीसी को 27 प्रतिशत व एससी को 12 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया था। विधेयक को नौवीं अनुसूची में शामिल करने की अनुशंसा करते हुए इसे राजभवन को भेजा गया था। पिछले साल एक आपत्ति के साथ इस विधेयक को राजभवन ने लौटा दिया।

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