Lal Krishna Advani : भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को बुधवार को नई दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया है कि उनकी हालत स्थिर है और उन्हें फिलहाल निगरानी में रखा गया है. लाल कृष्ण आडवानी को यहां सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनीत सूरी की देखरेख में भर्ती कराया गया है. बता दें कि आडवाणी को कुछ दिन पहले ही भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) से छुट्टी दे दी गई थी. जानकारी के मुताबिक, लालकृष्ण आडवाणी उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं. जिस वजह से इनका घर पर ही उनका समय-समय पर चेकअप किया जाता है. लेकिन अचानक उन्हें कुछ दिक्कत महसूस हुई, जिसके चलते कुछ दिन पहले उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था.

इसी वर्ष भारत रत्न से किया गया है सम्मानित

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं. भारतीय राजनीति में उनके योगदान के लिए लालकृष्ण आडवाणी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके घर जाकर उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया था. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी वहां मौजूद थे. बता दें कि इससे पहले साल 2015 में आडवाणी को देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से नवाजा गया था.

जानें लाल कृष्ण आडवाणी के प्रारंभिक जीवन के बारे में

लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवम्बर 1927 में पाकिस्तान के कराची में एक सिंधी परिवार में हुआ था. इनके पिता जी का नाम किशन चन्द और माता का नाम ग्यानी देवी था. उनकी छोटी बहन का नाम शीला है. जब भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ, तो उनका परिवार मुंबई आ गया. यहां पर उन्होंने गर्वनमेंट लॉ कॉलेज से कानून में स्नातक किया. लालकृष्ण आडवाणी ने फरवरी 1965 में कमला आडवाणी से शादी की थी और उनसे उनके दो बच्चे हुए. उनका एक बेटा, जयंत और एक बेटी, प्रतिभा है.

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महज 14 साल की उम्र किया राजनीति में प्रवेश हासिल किए बड़े मुकाम

आडवाणी 1941 में 14 साल की उम्र में आरएसएस में शामिल हुए और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के जरिए अपने राजनीतिक करियर का आगाज किया था. वर्ष 1951 में जब डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की तब से लेकर वर्ष 1957 तक आडवाणी पार्टी के सचिव रहे. एल. के. आडवाणी वह शख्स हैं, जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखने में भी अहम भूमिका निभाई है. वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बाद से 1986 तक लालकृष्ण आडवाणी पार्टी के महासचिव रहे. इसके बाद 1986 से 1991 तक पार्टी के अध्यक्ष पद का उत्तरदायित्व भी उन्होंने सम्भाला. लाल कृष्ण आडवाणी बीजेपी के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहने वाले नेता हैं. वह लंबे समय तक सांसद के तौर पर देश की सेवा कर बताते चलें कि आडवाणी 1998 से 2004 तक भारत के गृह मंत्री भी रहे. इसके बाद 2002 से 2004 तक उप प्रधानमंत्री रहे. 2009 के लोकसभा चुनाव में वो भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे.

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