राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर ने रविवार (23, जून) को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार में जेडीयू को बड़ा मंत्रालय नहीं मिलने पर चौंकाने वाला खुलासा किया है. प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के भीतर आंतरिक असंतोष को रोकने के लिए कोई बड़ा मंत्रालय नहीं मांगा है.

दरअसल, बिहार कोटे से कई नेताओं को मोदी कैबिनेट में जगह मिली है. हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में कोई महत्वपूर्ण मंत्रालय नहीं मिलने के आरोपों के बाद बिहार में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इसे राजनीतिक स्टंट करार दिया है

प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर साधा निशाना

बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार को डर है कि अगर उन्होंने किसी और को महत्वपूर्ण मंत्रालय दिया तो इससे उनके नेतृत्व को चुनौती मिल सकती है. इसलिए नीतीश कुमार ने ऐसा मंत्रालय चुना, जहां वे विवादों या आंतरिक विरोध का सामना किए बिना काम कर सकें.

विकास संबंधी मुद्दों पर जोर दें जनता- प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने तर्क दिया कि केवल वे ही लोग पद पर बने रहें, जो लोगों के लिए सक्रिय रूप से काम करते हैं, क्योंकि नागरिकों को संवैधानिक तरीकों से अप्रभावी नेताओं को हटाने का अधिकार है. उन्होंने मतदाताओं से विकास संबंधी मुद्दों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है. साथ ही उन्होंने गरीबी को कम करने और विकास को बढ़ावा देने में शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर दिया.

बिहार के वोटरों से की अपील

उन्होंने बिहार के मतदाताओं से शिक्षा के माध्यम से अपने बच्चों के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह करते हुए सलाह दी. उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षित युवा आबादी बिहार को समृद्धि की ओर ले जा सकती है, राजनीतिक संरक्षण पर निर्भरता कम कर सकती है और समग्र सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार कर सकती है.