राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल रहकर 121 वैदिक ब्राह्मणों का नेतृत्व करने वाले मुख्य पुजारी काशी के पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित का 22 जून 2024 को सुबह करीब 7 बजे निधन हुआ. उनकी मौत की खबर मिलने के बाद काशी के लोगों में जहां शोक की लहर दौड़ पड़ी तो वहीं सीएम “योगी आदित्यनाथ

योगी आदित्यनाथ ने भी उनकी मौत पर शोक व्यक्त किया

जनवरी में अयोध्या के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पूजन में पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित की सबसे अहम भूमिका रही थी. इनकी मौत की खबर मिलने के बाद से ही लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर लक्ष्मीकांत दीक्षित की मौत कैसे हुई. उनकी मौत को लेकर उनके बेटे ने सुनील दीक्षित ने अहम जानकारी दी है. सुनील ने बताया कि आखिर उनकी मौत कैसे हुई.

अचानक नीचे गिरे और फिर कुछ बोले नहीं

सुनील दीक्षित ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पिता जी को कोई गंभीर बीमारी नहीं थी. उनका निधन वृद्धा अवस्था के कारण हुआ है. 21 जून को रात करीब 11 बजे विश्राम करने चले गए. सुबह करीब 6:30 बजे अचानक सोकर उठे. इसके बाद नित्य कर्म के लिए जा रहा थे. इसी दौरान नीचे गिर गए और उसके बाद कुछ बोले ही नहीं.

नहीं थी कोई बीमारी, बस घुटनों में थी दिक्कत’

सुनील ने बताया कि उन्हें किसी तरह की कोई बीमारी नहीं थी. सिर्फ वृद्ध अवस्था की वजह से मौत हुई है. उन्हें बस घुटने में दिक्कत थी और चलने में परेशानी होती थी. इसके अलावा किसी भी तरह की कोई समस्या या बीमारी उन्हें नहीं थी.

लक्ष्मीकांत दीक्षित के नाम कई खास उपलब्धियां

लक्ष्मीकांत दीक्षित जनवरी महीने में अयोध्या

प्राण प्रतिष्ठा में मुख्य पुजारी की भूमिका के साथ-साथ काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण पूजन में भी शामिल थे. उनके बेटे सुनील बताते हैं कि पिता जी महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, ग्वालियर, राजस्थान और देश के प्रमुख राजघरानों के राज्याभिषेक को उनके बाबूजी या उनके पूर्वजों की तरफ से संपन्न कराया जा चुका है. इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक में भी दीक्षित परिवार के पुरानी पीढ़ियों का योगदान रहा है.