सीसीएल सीएमडी नीलेन्दु कुमार सिंह ने कथारा क्षेत्र के विभिन्न कोलियरी तथा कोल वाशरी का

किया निरीक्षण

सीसीएल सीएमडी नीलेन्दु कुमार सिंह ने कथारा क्षेत्र के विभिन्न कोलियरी तथा कोल वाशरी का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सीएमडी सिंह ने उत्पादन, उत्पादकता बढ़ाने तथा सुरक्षात्मक उपायों को लेकर क्षेत्र के महाप्रबंधक संजय कुमार सहित उपस्थित परियोजना पदाधिकारी तथा विभागाध्यक्षो को कई निर्देश दिए। इस अवसर पर अतिथि भवन में जमसं प्रतिनिधि मंडल द्वारा सीएमडी को गणपति प्रतीक तैल चित्र देकर सम्मानित किया गया।
जानकारी के अनुसार सीएमडी सिंह सर्वप्रथम क्षेत्र के कथारा कोलियरी का निरीक्षण किया। यहां उन्होंने विभागीय तथा आउटसोर्सिंग पैंच को नजदीक से अवलोकन किया। साथ ही विभागीय मशीनों की स्थिति, उसके रखरखाव सहित मानसून के दौरान खदान में जमा जल निकासी को लेकर पीओ डीके सिन्हा को आवश्यक निर्देश दिया। यहां से वे कथारा कोल वाशरी जाकर प्लांट की स्थिति, रेलवे रैक से कोयला डिस्पैच आदि के बारे में पीओ विजय कुमार से जानकारी ली। साथ ही सीएमडी ने पीओ को जगह-जगह विभिन्न स्थिति में बिखरे स्क्रैप को इकट्ठा कर एक जगह रखने का निर्देश दिया।
निरीक्षण के क्रम में सीएमडी जारंगडीह खुली खदान का भी दौरा किया तथा खदान की स्थिति पर नाराजगी जाहिर की। यहां भी अंजनी सिंह व तमाम कर्मियों ने बुके देकर सीएमडी को सम्मानित किया।बाद में सीएमडी स्वांग तथा गोविंदपुर का भी निरीक्षण कर पीओ ए के तिवारी को उत्पादन बढ़ाने को लेकर उपलब्ध संसाधन का सदुपयोग करने की बात कही।
देर संध्या अतिथि भवन कक्ष में पत्रकारों से एक भेंट में सीएमडी सिंह ने कहा कि पद संभालने के बाद से कथारा क्षेत्र का उनका पहला दौरा हैं। यहां के कर्मठ कर्मचारी, अधिकारी की बदौलत चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में क्षेत्र निश्चित ही अपने उत्पादन लक्ष्य 44.2 लाख मीट्रिक टन को पुरा करेगा। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में सीसीएल का उत्पादन लक्ष्य सौ लाख टन है।सीएमडी ने अनुदानित विद्यालयों की समय पर अनुदान राशि, विद्यालयों की जर्जर स्थिति की जांच कर आवश्यक सुधार की बात कही। उन्होंने कहा कि दौरे के क्रम में वे कथारा कोलियरी, जारंगडीह तथा स्वांग कोलियरी गए। कहा कि यहां कोयले की असीम संभावना है, बशर्ते योजनाबद्ध तरीके से निकासी की जाये। उन्होंने कहा कि आनेवाले पांच साल में कथारा क्षेत्र सौ लाख टन तथा सीसीएल 160 से 180 मिलियन टन कोयला उत्पादन करने जा रही है।
सीएमडी सिंह ने कहा कि कोयला उत्पादन सीसीएल की एक सामान्य प्रक्रिया है। इसके अलावा कंपनी सामाजिक दायित्व के तहत प्रभावित क्षेत्र के आसपास अनेको विकास कार्य कर रही है, ताकि राज्य की जनता का विकास संभव हो सके। इसके अलावा सीसीएल खेल कूद, शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए मुख्यालय स्तर पर योजना तैयार है। इसमें यूनियन प्रतिनिधि, स्टेक होल्डर का सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि सीसीएल हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2030-32 तक देश को 1200 गीगा हर्टज बिजली की जरूरत होगी। वर्तमान में कोयला से 500 गीगा हर्टज विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ते कोयला जरूरतों को देखते हुए कोल इंडिया प्रबंधन नये खदान खोलने पर विचार कर रही है। इसके अलावा स्टील उद्योग की जरूरतों को देखते हुए सीसीएल में पांच नये कोल वाशरी लगाया जायेगा। जिसमें एक वाशरी कथारा में भी लगाया जायेगा।
बेरमो कोयलांचल के ढोरी, बीएंडके तथा कथारा क्षेत्र में अग्नि शमन सुविधा नहीं होने के संबंध में सीएमडी ने कहा कि राज्य सरकार के सहयोग से फुसरो में इस कार्य को पुरा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वर्षा जल संरक्षण के क्षेत्र में सीसीएल द्वारा वाटर मैंनेजमेंट सिस्टम संचालित करने को लेकर योजना बनाई गयी है, ताकि जल का क्षरण होने से रोकने तथा अपनी जरूरतों सहित सिचाई कार्यों में उसका उपयोग किया जा सके। जिससे आसपास के क्षेत्र में समुचित कृषि कार्य संभव हो सके। उन्होंने अग्नि प्रभावित झिड़की के लिए दो तरह योजनाओं पर काम होने को लेकर मुख्यालय स्तर पर कार्य करने की बात कही। उन्होंने कोयला, लोहा चोरी रोकने को लेकर आईटी रिसोर्स के उपयोग पर बल दिया।
इस अवसर पर जनता मजदूर संघ प्रतिनिधि मंडल जिसमें क्षेत्रीय सचिव कामोद प्रसाद, शमशूल हक,दीपक रंजन, रामेश्वर चौधरी ,मो इसराफिल उर्फ बबनी,इस्लाम अंसारी आदि सहित झिरकी, खेतको के ग्रामीण प्रतिनिधियों, क्षेत्र के संवेदकों से सीएमडी ने भेंट कर उनकी समस्या से रु-ब-रु हुए तथा क्षेत्र के अधिकारियों के साथ बैठक कर वापस रांची लौट गए।